कर्ज़ लोगो की जान ले रहा है।

कर्ज़ लोगो की जान ले रहा है। - क्या आपने कभी महसूस किया है कि पहले के मुकाबले आज भले ही ज्यादा तर लोग सुख-सुविधाओं के साथ जी रहे हैं, पर साथ ही आज हर 10 से 6 व्यक्ति के पास किसी न किसी प्रकार का कर्ज है। भले ही उन्हें मोबाइल लेना हो, जमीन, गहना, या कुछ भी, हर चीज ई एम आई पर चाहिए। सामान्य खरीदारी के लिए भी क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना है। ये शुरू मे तो बहुत अच्छा लगता है, पर आज ये सबसे बड़ी बीमारी बन चुकी है।

लोग कर्ज़ लेते क्यों है ?

लोग शुरुआत में क़र्ज़ अपनी जरुरत पूरी करने के लिए लेते है , फिर चाहे उन्हें घर लेना हो, गाड़ी लेनी हो, बिज़नेस में लगाना हो, शादी करनी हो, किसीका इलाज करवाना हो, या कोई छोटी जरुरत पूरी करनी हो, जैसे की मोबाइल, घर का फर्नीचर, या सोना खरीदने के लिए। सुरु में क़र्ज़ लेते वक़्त लगभग सभी को पता होता है , की ये उनके बजट में है , या वो ये कैसे भरने वाले है। पर मुशीबते तब सुरु होती है , जब चीजे प्लान के हिसाब से नहीं चलती, जैसे नौकरी का छूट जाना, बिज़नेस का प्रॉफिट न देना , या कोई और फाइनेंसियल इमरजेंसी का आना। 
बड़ी मुसीबत ये नहीं है, की आपके प्लान काम नहीं आये, क्योकि वो समय तो जैसे तैसे टल ही जाता , पर असली मुसीबत तब होती है, जब लोग क़र्ज़ भरने के लिए फिर से क़र्ज़ लेते है , और उनकी किस्मत भी उन्हें बार बार चैलेंज करती रहती है , जिससे उन्हें बार बार लोन लेना पड़ता है ,और इस बार तो उन्हें ये भी नहीं पता होता की वो ये सब भरेंगे कैसे और वो क़र्ज़ के दल दल में फस जाते है। 

क़र्ज़ लेना गलत है या सही 

हमारे हिसाब से क़र्ज़ गलत या सही नहीं है, वो तो बस एक मदद की तरह है, की जब हमारे खुद के पास पैसे न हो, न कोई बेचने लायक चीज , न हम किसी आपने से मांगना चाहते हो , क्योकि वो देना भी नहीं चाहते , और ना ही कोई ऐसा रास्ता जिससे हमारी उस वक़्त की जरुरत पूरी हो सके , तो क़र्ज़/लोन ही एक ऐसा वरदान है , जिससे हमें वो पैसा मिल सकता है, जो हमें अभी इसी वक़्त चाहिए।

बात क़र्ज़ की नहीं है, बात किसी भी चीज के हमारी क्षमता से अधिक हो जाने की है , देखा जाए तो घी हमारी सेहत के लिए अच्छा है , पर अगर हम 1 किलो घी एक ही दिन में खा जाये तो वो हमारे सरीर को फायदे की जगह नुक्सान ही देगा , उसी तरह कोई भी लोन/क़र्ज़ जो हमारी क्षमता से अधिक हो वो हमें आगे चलके नुक्सान देगा ही देगा। इसलिए सबसे जरुरी बात तो ये है की लोन लेने से पहले ही हम ये सोच ले की क्या सच में हमें लोन की जरुरत है या नही। और फिर भी अगर हमें लोन लेना पड़ रहा है तो इस बात का ध्यान दे की किसी भी इंसान को अपनी इनकम के 25% से अधिक की इ. ऍम. आई. वाला लोन नहीं लेना चाहिए। सिंगल हो या मल्टीप्ल लोन सबका टोटल 25% पार नहीं करना चाहिए। 

किसी भी लोन का सही इस्तेमाल क्या हो सकता है। ?

मजबूरी में लिए गए लोन का तो कुछ नहीं हो सकता , पर लोन लेकर फायदा उठाना है तो वो सिर्फ इन्वेस्मेंट से ही हो सकता है। कोई भी लोन अपने साथ प्रोसेसिंग फीस , इंटरेस्ट ,फाइल चार्ज, लेट पेमेंट फाइन जैसे कई चीजे लेकर आता है , यानी की, हमने जो पैसा कभी लिया भी नहीं हमें वो भी भरना पड़ेगा , इसलिए लोन का सही इस्तेमाल तब ही हो सकता है , जब हमें १००% गारंटी हो की हम वो पैसा जहा इन्वेस्ट कर रहे है , वह से हमें इतना प्रॉफिट हो जायेगा की हम टाइम पर लोन भी भर दे और हम अपने लिए कमा भी ले। पर ये बात सबपर लागू नहीं होती , लोन का पैसा कही भी इन्वेस्ट करने से पहले आपके पास बैक-अप प्लान रेडी होना चाहिए। इसके साथ ही याद रखे :- लोन के पैसो से कभी भी दिखावा न करे, क्योकि आपकी ये आदत आपको बड़ी मुसीबत में दाल सकती है। सिर्फ किसी को कुछ पल खुसी देने के लिए आप जिंदगी भर के लिए कर्ज़े में फस सकते है।अपनी औकात से बड़ी शादी भी लोगो को कर्ज़े के दल दल में डालती है। 

सही हो या गलत, खुद की मर्जी हो या न हो, लेकिन जब लोग एक बार कर्ज़े के दल दल में फस जाते है तो उनका इस दल-दल से बहार निकलना मुश्किल होता है। और एक अकेले इंसान के लिए ये बोहोत मुश्किल होता है , वो चाहे कितना भी ईमानदार हो , पर लोन कलेक्शन एजेंट की हैरससमेंट से आदमी डिप्रेशन में चला जाता है। उसे अपना लोन लेना किसी का खून करने से भी बड़ा गुनाह लगने लगता है। लोन न भर पाने का दर्द वही जनता है जो इस दल-दल में होता है, और इसलिए हमने ऐसे लोगो की मदद करने की मुहीम चलाई है। हम जानते है की ये हमारे अकेले के बस की बात नहीं है।  पर अगर आप लोगो का साथ मिल जाए तो ये ना-मुमकिन भी नहीं है।
क्या पता आपकी छोटी छोटी मदद कब किसे फांसी लगाने से बचा ले। 
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